लोकतंत्र है घायल

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* शासन है पंगु आज, लोकतंत्र घायल है वासना में लुप्त हुई, चेतना हमारी है। लूट,पाट,मार,काट, मची सारे देश में है आम जिंदगी का, एक-एक पल भारी…

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`हिन्दी` भाषा में `अंग्रेजी` के उपयोग से बचा जाए

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और जन-जन की भाषा भी। हिन्दी हमारे राष्ट्र में विविध बोली जाने वाली भाषाओं में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।…

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उनकी तरह

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट, मैं पहुंच गया और, खेलने लगा क्रिकेट उनके साथ, उनकी तरह। पौधारोपण, कर रहे थे कुछ लोग मिलकर, मैं पहुंच…

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मुस्कुराने के लिए भी

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट अच्छे मूड में, और तभी पड़ोसी आकर छीन ले गया गेंद। पड़ोसिनें तैयार हुईं थीं, जाने के लिये मंदिर अच्छे…

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उम्मीद

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** उम्मीद है किसान को, इस साल बरसेगा पानी जम के फसलें लहलहायेंगी खूब...। उम्मीद है कौए को, जलेबी खा रहे बच्चे के हाथ से गिरेगा…

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आ जाओ तुम

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. कृष्ण कहाँ हो आ जाओ तुम, तरसें,दरस दिखा जाओ तुम। रोम-रोम में प्रेम बसा जो, हम पर भी बरसा जाओ तुम।…

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तुम्हारी तरह

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ऐसा तो नहीं तुम करना चाहते थे, मुझे फोन मगर नहीं किया फिर, ये सोचकर कि मैंने क्यों नहींं किया तुम्हें फोन ? ऐसा तो…

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चीनी चीजों का बहिष्कार हो

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* देख रहे हो वह बौना, इस भारत को ललकार रहा। मानो जुगनू ताल ठोक कर, सूरज को फटकार रहा॥ सुई नोंक जैसी आँखें, हमको इस तरह…

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रक्षा.

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* बंधन नहीं बाधूँगी भैया, ना रक्षा का वचन लूँगी। प्राण से प्यारे मेरे विरना, स्वंय रक्षा का व्रत लूँगी॥ बलिहारी जाऊँ तुझपे मेरे भईया, पर…

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खत्म करना है लड़ाई

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** मत लड़ो मेरे दोस्त, लड़ना ठीक बात नहींं, लड़ने में विचारों में रहती है अशांति, चेहरे पर रहती हैं रेखाएं, दिल में भ्रांति हमें नहीं…

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