बचाई तितलियाँ हमने
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सदा नफरत की लहरों पर उतारी कश्तियाँ हमने।ठिकाना जल गया बेशक बचाई बस्तियाँ हमने। जहाँ बेहाल जीना हो गया था सख्त कलियों का,जले थे हाथ बेशक पर बचाई तितलियाँ हमने। हवा बेदर्द होकर कर के अगर दीपक बुझाती थी,रखी थी बादलों से कुछ चुराकर बिजलियाँ हमने। जमी थी धूल रिश्तों पर … Read more