कुल पृष्ठ दर्शन : 361

You are currently viewing सौंधी महक-सा घर

सौंधी महक-सा घर

डॉ.सोना सिंह 
इंदौर(मध्यप्रदेश)
**************************************

कुछ दीवारें गारे मिट्टी की,
कुछ दीवारें चूने सीमेंट की
कुछ दीवारें ईंट पत्थर की,
हर दीवार में बसी थी खुशबू एक घर की।

घर में जल रहा है चूल्हा,
चूल्हे में पक रही है दाल
दाल कर रही है कमाल।

कड़ाही में तेल और उसमें डाली पूरी,
फूल गई पूरी किसी डांट पड़े बच्चे के गाल की तरह।

सोफे पर पड़ा है तौलिया,
पलंग पर पड़ा है पजामा
कहना है तरीका नहीं है,
ये घर है हमारा।

अपने घर की बात ही और है,
तो किसी के घर की बात
सादी कैसे होगी ?

दीवारों और दरवाजों के रंग,
हर बार नई कहानी कहते हैं
घर में रहने वालों के अंदाजे बयां करते हैं।

एक माँ है जिसका आँचल है,
एक पिता है जिसका सरमाया है।
घर एक घोंसला है जिसमें सुरक्षा है॥

परिचय-डॉ.सोना सिंह का बसेरा मध्यप्रदेश के इंदौर में हैL संप्रति से आप देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इन्दौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैंL यहां की विभागाध्यक्ष डॉ.सिंह की रचनाओं का इंदौर से दिल्ली तक की पत्रिकाओं एवं दैनिक पत्रों में समय-समय पर आलेख,कविता तथा शोध पत्रों के रूप में प्रकाशन हो चुका है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भारतेन्दु हरिशचंद्र राष्ट्रीय पुरस्कार से आप सम्मानित (पुस्तक-विकास संचार एवं अवधारणाएँ) हैं। आपने यूनीसेफ के लिए पुस्तक `जिंदगी जिंदाबाद` का सम्पादन भी किया है। व्यवहारिक और प्रायोगिक पत्रकारिता की पक्षधर,शोध निदेशक एवं व्यवहार कुशल डॉ.सिंह के ४० से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन,२०० समीक्षा आलेख तथा ५ पुस्तकों का लेखन-प्रकाशन हुआ है। जीवन की अनुभूतियों सहित प्रेम,सौंदर्य को देखना,उन सभी को पाठकों तक पहुंचाना और अपने स्तर पर साहित्य और भाषा की सेवा करना ही आपकी लेखनी का उद्देश्य है।

Leave a Reply