तेरे जाने से सभी खुश

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली*********************************************** तेरे जाने से सभी हैं खुश हो रहे,सुन जाने वाले दो हजार बीस। बहुत रूलाया तूने हम सबको,तुम तो निकले पूरे चार सौ बीसl आना नहीं कोई नया रूप धर के,भूल जा तू अब धरती की गली। बन्द कर दिए थे मन्दिर-मस्जिद,तेरी बातें ये हमें बहुत ही खली। तुमने बन्द कर दिया इंसानों … Read more

नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** गया वर्ष संघर्षों में बीता,नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा।सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll गए वर्ष में घर उजड़ गए हैं,देश का धन बर्बाद हो गया,डॉक्टरों व नर्सों ने मिलकर,लिख डाला इतिहास नया,समूचा देश अब जाग चुका है,नहीं कोई भरमा पाएगा।सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll मानव मन प्रफुल्लित … Read more

दीवारें हटा

जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पक्षियों को पालना तो गर्म ये तारें हटा।भाई चारा साधना तो धर्म दीवारें हटा। देश में लड़ना है तो लड़ देश के हथियार से,जो विदेशी हाथ में पहले वो तलवारें हटा। विश्व भर में देख आया लालची है आदमी,राजगद्दी के लिए ये खून की धारें हटा। हड्डियां ही हड्डियां हैं … Read more

आखिर तुम मुझे कब तक रोकोगे

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** बनवारी लाल कोई कायर इंसान नहीं था,लेकिन जब बॉस के सामने खड़ा होता तो हाँ जी या जी हाँ के अतिरिक्त कुछ और न बोल पाता। यदि वे उसे अपने कमरे से दुत्कार कर भी बाहर कर देते तो,वह चुपचाप बाहर निकल आताl आकर अपनी कुर्सी पर बैठ जाता,पर जब वही बनवारी … Read more

प्रभु…

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* बीच मझदार में ही,फंसी हुई मेरी नाव,मुझको उबारने को,प्रभु पतवार दो। अपना मैं जोड़ हाथ,पूजूं दिन-रात नाथ,रुक्मणि बना के आप,मुझे उपहार दो। आपके सहारे यह,जीवन जियूँगी अब,दासी ही समझ निज,प्रेम का ही हार दो। आपके ही सपनों में,खोई-खोई ही रहूं मैं,प्यार का बहार दे के,मुझमें निखार दो। परिचय-शिखा सिंह का साहित्यिक … Read more

बढ़ती जनसंख्या-घटते संसाधन,नियंत्रण कानून बेहद जरुरी

अंकुर सिंहजौनपुर(उत्तर प्रदेश)*************************************************** जनसंख्या वृद्धि कहीं न कहीं हमें आने वाले समय में भयंकर दुष्परिणाम की तरफ ले जा रही है, इस पर हम आज सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में संसाधनों के लिए महायुद्ध जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है,क्योंकि दैनिक उपयोग के संसाधन जैसे-पेट्रोल,डीजल,पेयजल,निवास और खेती हेतु भू-भाग इत्यादि … Read more

प्रीत की डोर भी तू

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* समन जो तू मेरा होगा,तो ये सावन भी अलग होगा,निभाऊंगी मैं संग सारा जीवन,जीवन भी अलग होगा। दिल से प्रीत लगी है जिससे, प्रीत की डोर भी तू होगा,जो चुरा लिया इस दिल को मेरे,दिल का चोर भी तू होगाजमाने से फिर क्यूं डरूंगी मैं,जब तू मुझे मिला होगा,ये जिंदगी भी … Read more

खो गया अस्तित्व

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* आदमी बन गया जानवर की तरह,अफसोस है उसको निर्वर की तरह। मोह की छाँव में बैठ लोग सोंचें,सदा रहता है शरीर अनश्वर की तरह। झूठ की गाँठ बांधे यहां सब लोग,ठग रहे दूसरों को बताते यावर की तरह। खो गया आदमी का यहां अस्तित्व,सब यहां है किरायेदार की तरह। ना बड़ा … Read more

पहला आफताब लगती हो

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* चमन के फूल-सा खिलता गुलाब लगती हो,जान तुम मेरी महकती शबाब लगती हो। देखकर ही जिसे ये साँसें जाती है थम,किसी शायर को दिया तुम खिताब लगती हो। तारीफ करूं तेरी इन लफ़्ज़ों से कैसे,खूबसूरती में तुम लाज़वाब लगती हो। तेरे चेहरे का नूर रौशन जहां करे,मुझे सुबह का पहला आफताब … Read more

इकरार कर लिया

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* एकतरफा मोहब्बत का इजहार कर लिया,हमने भी आज उनसे फिर प्यार कर लिया। वो कहते रहे तेरे पास ना आयेंगे,बिना कहे उनके हमने इकरार कर लिया। छुपी खामोशी जो उनके चेहरे पर थी,मत पूछो कैसे उनपे ऎतबार कर लिया। एक शिकन माथे पे ना हमने आने दिया,खुदी को चुपचाप मैंने तैयार … Read more