कीर्तिशेषःयुग निर्माता स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** अध्यात्म,चेतना के प्रतीक भारतमाता मन्दिर के प्रतिष्ठापक ब्रम्हानिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज वर्तमान युग के विवेकानन्द थे। २६ वर्ष की अल्प आयु में ही शंकराचार्य पद पर सुशोभित हुए और दीन-दुखी,गिरिवासी, वनवासी,हरिजनों की सेवा और साम्प्रदायिक मतभेदों को दूर कर समन्वय,भावना का विश्व में प्रसार करने के लिए सनातन … Read more

न घर के रहेंगे,न घाट के…

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** “मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है,जीवन मिट्टी से मिट्टी तक की यात्रा है। अर्थी से पहले जीवन का अर्थ जान लें।“ ये बोध वाक्य हर बार उस समय याद आते हैं,जब हम किसी को श्मशान में छोड़ने जाते हैं और शोकसभा के कक्ष की दीवारों पर अपनी दृष्टि डालते हैं,जहाँ … Read more

दुनिया के श्रेष्ठतम चिंतक और कुशल दार्शनिक संत कबीर

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** कबीर जयंती विशेष १७ जून……………….. भारतीय लोक परम्परा के जनकवियों में संत कबीर का नाम सबसे अग्रणी है। कबीर गृहस्थ संत थे,भक्त थे,कवि थे जीवनचर्या के लिए जुलाहे थे,पर इन सबसे अलग वे चिंतक थे,स्पष्टवादी थे, युग दृष्टा थे और तर्क की कसौटी पर हर बात को कसने वाले थे। … Read more

गहराई से जीवन के रंगों से परिचय करवाती `सात रंग जिंदगी के`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** कविता सदा से ही मनुष्य के अंत:करण में उठे भावों को स्वर देने का एक सशक्त माध्यम रही है। समय के साथ कविता के विषय,शिल्प एवं भाषा में परिवर्तन होते रहे हैं। पुरातन विषय परिवर्तित होकर समसामयिक हो गये हैं,पर अनेक विषय ऐसे हैं जो मनुष्य के मस्तिष्क और साहित्य … Read more

मालवी की बाँसुरी `सुल्तान मामा`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** मालवी बोली के कवि को श्रद्धांजलि हिंदी और मालवी के सुप्रसिद्ध कवि,गीतकार सुल्तान मामा हिंदी काव्य मंचों पर अपनी सुरीली आवाज के लिए पहचाने जाते थे। कवि सम्मेलन मंचों पर यदि कोई उन्हें सामने से नहीं सुन रहा हो तो कहता कि क्या खूबसूरत आवाज में कवियित्री गा रही है। … Read more

रोचक और चिंतनशील कृति ‘साथ नहीं देती परछाई’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** ‘साथ नहीं देती परछाई’ इंदौर के प्रसिद्ध आशुकवि प्रदीप नवीन का पहला ग़ज़ल संग्रह है। उनकी पूर्व में गीत,काव्य और व्यंग्य पर कृतियां प्रकाशित हो चुकी है। पाँच दशक से नवीन जी लेखन और साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं,लेकिन गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं। यही वजह है कि … Read more

….तो समझ लेना होली है

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सियासत की शतरंज से बाहर निकलकर, बादशाह,वजीर और प्यादे सब एक ही अंदाज में नज़र आए, तो समझ लेना होली है। पड़ोसी घूरता है इस बात की शिकायत जो दिन-रात करती है, वही पड़ोसन जब चिढ़ाती हुई गुजर जाए …तो समझ लेना होली है। सरहदों पर गूंज हो जब बम-गोलों … Read more