दीया

डॉ.सरला सिंह दिल्ली *********************************************** माटी कहती मुझसे ही, दीये सारे बनते हैं। फैल रही जगमग ज्योति, नाम दीये का होता है। बोली धरती री माटी, तू तो मुझसे ही है…

0 Comments