कुहू-कुहू बोले रे कोयलिया…
सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। सुख-दु:ख में शुभ गीत गाने वाली,थके-मांदे लोगों को झुमाने वाली। इस डाल से उस डाल पर डोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। नीरस पल में भी रस पाने वाली,ऋतुराज के संदेश को पहुंचाने वाली। रसाल फल देख चोंच खोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। पतझड़ की … Read more