कुहू-कुहू बोले रे कोयलिया…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। सुख-दु:ख में शुभ गीत गाने वाली,थके-मांदे लोगों को झुमाने वाली। इस डाल से उस डाल पर डोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। नीरस पल में भी रस पाने वाली,ऋतुराज के संदेश को पहुंचाने वाली। रसाल फल देख चोंच खोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। पतझड़ की … Read more

आकर मेहमान जैसे जाएगा ‘कोरोना’..

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** आकर मेहमान जैसे जाएगा कोरोना, ‘लॉकडाउन’ का पालन कर,हाथ हरदम धोना।। सामाजिक दूरी,है बहुत जरूरी, धैर्य धारण करो,इच्छाएं होंगी पूरी। सबको हँसाना,मत हिम्मत हार रोना, आकर मेहमान जैसे जाएगा कोरोना। ‘लॉकडाउन’ का पालन कर,हाथ हरदम धोना…॥ चिकित्सक जवान हैं धरती के भगवान, शासन-सरकार का भी करो सम्मान। संकट की घड़ी … Read more

इक्कीस दिन…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** अमवा बाजार गाँव को एक फुलवारी ही समझिए,जिसमें सभी रूप-रंगों और सुगंधों के पुष्प खिले हुए हैं। इन पुष्पों में एक पुष्प है ‘माधुरी’ जो विधवा है। उसकी बड़ी बेटी मधु अभी छह वर्ष की ही है,लेकिन माँ की मजबूरियों को समझती है। वह अपने छोटे भाई मुन्नू को गोद … Read more

प्रेमाकर्षण

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** यह प्रेम नहीं,आकर्षण है, तन-मन का घर्षण है… प्रेम पूजा है,जाप है आकर्षण अभिशाप है… मन से मन जब घुले-मिले तब प्रेम की कली खिले। प्रेम है जीवन-सुमन का खिलना, आकर्षण है मधुप-पुहुप का मिलना… प्रेम में श्रृंगार है, आकर्षण अंगार है… भैया! प्रेम से निखरती है जिंदगी, आकर्षण से … Read more

ज़िन्दगी इक नदी…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** जिंदगी इक नदी है, अनवरत प्रवाह किए बिना परवाह, आगे बढ़ते ही जाना वापस कभी ना आनाl ‘सावन’ समय के साथ, कदमताल मिलाना धार से अलग हो खेतों में जाना, लोक कल्याण हेतु खुद को मिटानाl यही तो नदी है, यही जिंदगी हैl कहीं है सुखद-शांति, कहीं अशांति-क्रांति कहीं है … Read more

फिसल गयी जिंदगी…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** समय की रेत पर फिसल गयी जिंदगी, देखते ही देखते में ढल गयी जिंदगी। करवटें बदल-बदल सोया निश दिन, अंत में करवट बदल गयी जिंदगी। दुल्हन जस सजाकर रखा था इसे, हाथों से यूँ ही निकल गयी जिंदगी। हवा से बचा कर रखा था सुरक्षित, रखे-रखे बर्फ जस गल गयी … Read more

ताजमहल

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** नल के जल को भी गंगाजल समझिए, भूलकर भी न दुश्मन को निर्बल समझिए। जो हो गया सो हो गया,मत रोइए, मिले हुए हर फल को कर्मफल समझिए। सवालों के शूल से दिल घायल न हो, इक सवाल को दूसरे का हल समझिए। ‘सावन’ सुख से सोइए सूखे बिस्तर पर, … Read more

कुहू-कुहू बोले कोयलिया..

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल, पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। सुख-दु:ख में शुभ गीत गाने वाली, थके-मांदे लोगों को झुमाने वाली। इस डाल से उस डाल पर डोलती कोयल, पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। नीरस पल में भी रस पाने वाली, ऋतुराज के संदेश को पहुंचाने वाली। रसाल फल देख चोंच खोलती कोयल, … Read more

प्यार करूं कैसे

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** मुझे नफरत है प्यार से,प्यार करूं कैसे, वो प्यार करती है मुझसे,इन्कार करूं कैसे। गुलाबी होंठों से टपकता है ‘सावन’-स्नेह रस, छात्र जीवन में आशिकी स्वीकार करूं कैसे। विश्वास करती है मुझ पर,विश्वास करता हूँ उस पर, विश्वास के महासागर को पार करूं कैसे। परीक्षा है सिर पर,करना है खूब … Read more

ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा… कुछ इस तरह से कर लो गुजारा, कि ज़िन्दगी बन जाए सितारा। मम्मी-पापा प्रेम से कहें- बिटिया है प्यारी,बेटा है प्यारा। बनो अन्धे की लाठी,बेसहारों का सहारा, भारत माँ के नयनों का बन जाओ तारा। कुछ इस तरह से कर लो गुजारा, कि ज़िन्दगी बन जाए … Read more