गांडीव तुम्हें उठाना होगा

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** हे अर्जुन! अब गांडीव तुम्हें उठाना होगा, दुश्मन को दम दिखाना होगा। करोगे कब तक `मन की बात`, सहोगे कब तक ये उत्पात श्वान शेर…

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भैया,जरा धीरे चलो…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** ज़िंदगी अनमोल है,इसको सुरक्षित रखना हमारा मानवीय कर्तव्य है। जीवन और सड़क का आदिकाल से ही अटूट रिश्ता है। प्रतिदिन सड़कों से असंख्य जिंदगियाँ गुजरती…

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आगे बढ़ते ही जाना

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** ओ राही, आगे बढ़ते ही जाना-२ लोगों की बातों में, भूल कर भी न आना। आगे बढ़ते ही जाना-२...॥ तुम्हारे सभी रास्तों को,लोग गलत ही…

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काश! पुनः लौटकर प्यारा बचपन आता

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता, ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता। गुरूजी का डण्डा देख मन में सकपकाता, छिप-छिपकर कक्षा में कुछ न कुछ…

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चंदा मामा

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** तारों की बरात लेकर, आ गये चन्दा मामा। दूल्हा बनकर दुनिया में छा गये चन्दा मामा॥ चन्दा मामा निकल पड़े हैं, मामी की तलाश में।…

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शुभकामनाओं में संभावनाएं

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** शुभकामना संदेश देखकर मन घबरा जाता है। शुभकामना का आना बिना बुलाये मेहमान की तरह खतरनाक हो गया है। शुभकामना दिखाई देती है,पहला प्रश्‍न…

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सावन और बुआजी का आना

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** सावन और बुआजी हर साल आते हैं। सावन के आते ही बच्‍चे खुश हो जाते हैं। सावन की बारिश में नहाने का मजा,पानी में…

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‘बारिश-ए-दौरा’

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** ट्रेन का-बारिश का देर से आना और किसान का रोना कोई नई बात नहीं है। बारिश,किसान,कीचड़,जाम,सड़क का बह जाना, आदि-आदि नई बातें नहीं…

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आओ कचरा करें

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** आओ कचरा करें। तू मेरा कचरा कर,मैं तेरा कचरा करुं और फिर उस कचरे को एक-दूसरे पर फेंक कर कचरा-कचरा खेलें। कचरा करना बुरा…

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चूं चूं का जीत ए जश्‍न

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** चुनाव हो गया। चच्‍चा ने भी अपना दूसरा चक्‍कर पार्क का लगाया और बुढ़ापे को जवानी में बदलने वाले उसूल के तहत जूस का…

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