पर्यावरण बचाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. ‘पर्यावरण बचाना है’, सुनो भाइयों नारा ये जन-जन तक पहुँचाना है। पर्यावरण बचाना हमको, पर्यावरण बचाना हैll आओ लगायें पौधे हम,ख़ूब बढ़ायें हरियाली। करें वनों की पूर्ण सुरक्षा,वन उपजों की रखवाली। स्वच्छता का ध्यान रखें हम,बात ये सबको बताना है। पर्यावरण बचाना हमको… साफ़ … Read more

ये कैसी दरिन्दगी है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना………. ये कैसी दरिन्दगी है, ये कैसी हैवानियत। शर्मशार हो गई, आज इंसानियत। फूलों-सी कोमल, नाज़ुक-सी कली माँ-बाबू के, नाज़ों-नखरों में पली। पिशाचों के आगे, उसकी एक न चली। समझ सकी न वो, शैतानों की बदनियत। ये कैसी दरिन्दगी है, ये कैसी हैवानियत। शर्मशार हो गई, आज … Read more

बच्चों के खेल

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. ज़माने के साथ ही, अब बदल गए हैं बच्चों के खेल। वो दिन गए जब, खेल बड़ा देते थे दिल के मेल। सुबह उठकर सीधे, मैदान में दौड़ लगाया करते थे। दोस्तों को पाकर दिल के, कमल खिल जाया करते थे। फुटबॉल,कबड्डी की, टीमें … Read more

दीपावली मिलन में बिखरी काव्य फुलझड़ियां

देवास l साहित्य संस्था,संस्कृति साहित्य रचनालय ‘संसार’ (देवास) के संयोजन में दीपावली मिलन काव्य गोष्ठी २ नवम्बर को त्रिभुवन शर्मा के निवास (कर्मचारी कालोनी) पर आयोजित की गई। देवास के जाने-माने कवि-शायरों ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए अपनी बेहतरीन कविता व शायरियों से कार्यक्रम को यादगार बनाया। इस गोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक प्रभाकर … Read more

एक पैग़ाम-युवा पीढ़ी के नाम…`प्रेम विवाह`

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* जब कोई बेटा या बेटी अच्छा काम करते हैं,तो उसके माता-पिता गुरुओं के साथ-साथ और भी बहुत से लोग होते हैं,जिनका सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है,लेक़िन वही बेटा या बेटी जब कोई ग़लत काम कर डालते हैं तो उनके माता-पिता के साथ साथ उनसे जुड़े बहुत सारे … Read more

स्तरीय पत्रिकाएं बंद क्यों हुई ?

सुरेंद्र कुमार अरोड़ा ग़ज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश)  ************************************************************************* आज मित्रों के बीच बातचीत में गंभीर चर्चा के दौरान अक्सर यह प्रश्न उठ जाता है कि ,”सत्तर-अस्सी के दशक की उच्चस्तरीय पत्रिकाएं,जैसे-साप्ताहिक हिदुस्तान,धर्मयुग के अतिरिक्त सारिका जैसी समर्थ पत्रिकाओं की अनुपस्थिति आज के समय में बहुत अखरती है।इन कालजई पत्रिकाओं के अंक आज भीजब कहीं किसी साहित्यकार मित्र के … Read more

पर्यावरण बचाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* विश्व पर्यावरण दिवस विशेष……………. सुनो भाइयों नारा ये जन-जन तक पहुँचाना है। पर्यावरण बचाना हमको, पर्यावरण बचाना है॥ आओ लगायें पौधे हम,ख़ूब बढ़ाएं हरियाली। करें वनों की पूर्ण सुरक्षा,वन उपजों की रखवाली। स्वच्छता का ध्यान रखें हम,बात ये सबको बताना है। पर्यावरण बचाना हमको… साफ़-स्वच्छ हो शहर हमारा, निर्मल … Read more

मन

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मन बड़ा बलवान है ये, मन बड़ा बलवान। कभी तो लगता ईश्वर है, ये कभी लगता शैतान। मन बड़ा बलवान है ये मन… लाख सम्भाला इसको बाँधा, फ़िर भी नहीं पकड़ में आता। जतन किए कि बंधा रहे ये, फ़िर भी फ़िसल-फ़िसल ही जाता। कभी धूप में कभी छाँव … Read more

मदर्स-डे

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… वाह रे नए युग देखे जो तेरे परिवर्तन, दिनों-दिन। तूने माता-पिता के लिए भी निर्धारित कर दिए दो दिन। मदर्स-डे,फ़ादर्स-डे, अरे माता-पिता तो वो चन्दन हैं। उनके लिये तो हर दिन, हर पल वन्दन है। उनकी सेवा में ही छिपा परमेश्वर का प्यार है। उनकी … Read more

रीति

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* नेहा का विवाह होकर ससुराल में आये आज दूसरा दिन था। पहला दिन घर के रीति-रिवाज़,देव पूजन और मेहमानों से मिलने में गुजर गया था। आज जब सारे मेहमान जा चुके थे और वह नए घर में अपनी जिम्मेदारियों को समझने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे मकान … Read more