जरूरी है…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** आम को अब ख़ास होना भी जरूरी है। इसलिए अब आज रोना भी ज़रूरी है। सब मिले खैरात में मुमकिन नहीं शायद, कर मशक्कत बोझ ढोना भी जरूरी है। काटना है फ़सल ग़र इंसानियत की तो, फिर लहू से सींच बोना भी ज़रूरी है। ग़म जहां के भूल सपने देखना … Read more

‘हिन्दी’ हमारी जीवनशैली एवं प्यारी माँ

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं,बल्कि यह हमारे अल्फाजों को समेट,हमारी बातों को सरलता एवं सुगमता से कहने का विशेष माध्यम है। हिन्दी बिल्कुल हमारी की तरह ही हमसे जुड़ाव रखती है और हम भी माँ हिन्दी के बिना अपने अस्तित्व की कभी कल्पना नहीं कर सकते,क्योंकि माँ के बिना बेटे की … Read more

नहीं आऊँगा…

शिव सागर तिवारी ‘सुल्तानपुरिया’ सुल्तानपुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** हाले दिल मैं सुनाने,नहीं आऊँगा, और कुछ भी जताने,नहीं आऊँगा, तुम हो वाकिफ़ बहुत मेरे हालात से- जा रहा हूँ रुलाने,नहीं आऊँगा।

बिछड़े हुए लोगों से

आर.पी. तिवारी स्वदेश बांदा (उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** बिछड़े हुए लोगों से, गुरेजा न हुआ कर। बीते हुए लम्हों को, कुछ याद किया करll जो भूल गए तुझको, आगाजे-सफर में। भूल से ही उनसे, मिलने की दुआ करll बिछड़े हुए लोगों से, गुरेजा न हुआ कर… ऐ दोस्त तुझे दुश्मन, की पहचान कहां है। महफिले-यारा में, … Read more

वक़्त की ठोकर

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** वक़्त की ठोकर का शिकार हुए हैं, तबीयत ठीक है जिनकी अब वो बीमार हुए हैं। चट्टानों से मजबूत हौंसले थे जिनके, वक़्त की मार से अब वो बेकार हुए हैं। हमारे बीच अब तो दोस्ती जैसा कुछ नहीं बचा, कुछ एहसानफरामोश और खुदगर्ज हमारे यार हुए हैं। इंसान यहां … Read more

हिन्दुस्तान है महान

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शांति का प्रतीक धर्मप्रिय सत्यशील,ऐसा देश है हमारा हिन्दुस्तान, सभी मिल-जुल के रहें,दिल की बात खुल के कहें,मन में तनिक भी नहीं अभिमान। जात और पात की ना करे कोई बात,कद्र करते हम सबके जज्बात की, दु:ख और सुख में भी खड़े रहते साथ,ना करते हम चिंता दिन और रात … Read more

वो अब बहुत गुमान में है

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** नदी अब बहुत गुमान में है, कि वो आजकल उफ़ान में हैl ग़रीब तो आज भी फुटपाथ पर सोते हैं, अमीरजादे तो अंदर अपने मकान में हैंl जमीं से तो उनका रिश्ता ही टूट गया है, अब तो उनका सारा ध्यान आसमान में हैl रंग बदलने की फितरत अब गिरगिट … Read more

दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (वज़्न-१२२×३-१२, अर्कान-फऊलुन×३-फआ) बुलाए बिना हम हैं जाते नहीं। अग़र बोझ समझा निभाते नहीं। अदब से मिले जो भी मंज़ूर वो, कि ख़ैरात को हम उठाते नहीं। बरस बीत जाएं नहीं बात हो, दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं। कई ज़ख़्म दिल में बता ना सकें, उधारी का मरहम लगाते नहीं। सियासत नहीं … Read more

इस देश न आना लाडो

दिप्तेश तिवारी दिप रेवा (मध्यप्रदेश) **************************************************** नव पल्लवित कोमल कली अभी खिली नहीं थी क्यारी में, उजास अभी हुआ नहीं था,कुचक्र रचा अंधियारी ने। माली बस कर ममता से रोप रहा था पौधों को, तभी न जाने किस दानव ने रौंद दिया घरौंदों को। खुशियों से भरी हुई थी संसार समाया देखूंगी, खेल-कूद मस्ती और सतरंगी … Read more

पावस आगमन

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** पावस का आगमन स्वागतम् करेंगे हम, तापमय बिछोह जो हिय का वो हरेंगे हम। मेघ संग में मयूर नृत्य कर रहा रमण, मेघ गर्जना के संग भाव हिय भरेंगे हम॥ पुष्प बाग में लताएँ पुष्प खिलखिला रहे, ज्यों बिछोह मिट गया दिल से दिल मिला रहे। भाव भंगिमा के संग … Read more