बंगाल:मर्यादा क़ा ध्यान नहीं रखा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* प. बंगाल के नंदीग्राम में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। जो शुभेंदु कल तक ममता के सिपहसालार थे,वे आज भाजपा के महारथी हैं। ऐसा बंगाल के कई चुनाव-क्षेत्रों में हो रहा है। ममता की तृणमूल कांग्रेस से इतने नेता अपना दल बदलकर भाजपा में शामिल हो … Read more

इस्लामःअरबों की नकल जरुरी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* स्विटजरलैंड ताजातरीन देश है,जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया में सिर्फ हिंदू औरतें पर्दा करती हैं और मुस्लिम औरतें बुर्का पहनती हैं। मुस्लिम देशों में देखा है कि विश्वविद्यालयों में जो महिला प्राध्यापक पढ़ाती थीं,वे भी बुर्का पहन करके आती थीं। बुर्का पहनकर ही वे कार भी चलाती थीं। अब … Read more

लोकतंत्र:भारत को मनोबल ऊँचा रखना होगा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* भारत में लोकतंत्र की हालत क्या है,इस मुद्दे पर हमारे देश में और दुनिया में आजकल बहस तेज हो गई है। इस बहस को धार दे दी है किसान आंदोलन ने। इसके पहले नागरिकता कानून,धारा ३७०,मनमानी हत्याएँ और अल्पसंख्यकों में भय-व्याप्ति आदि मामलों को लेकर भारत के बारे में यह कहा जाने … Read more

भारतीयों तुम पर गर्व है हमें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) *************************************** संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में १.८० करोड़ भारतीय प्रवास कर रहे हैं। इनकी संख्या २ करोड़ कहूं तो ज्यादा सही होगा,क्योंकि फिजी से सूरिनाम तक फैले २०० देशों में भारतीय मूल के लाखों लोग पिछले सौ-डेढ़ सौ साल से वहीं के … Read more

सरकार तुरंत पहल करे

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) *************************************** सर्वोच्च न्यायालय की यह कोशिश तो नाकाम हो गई कि वह कोई बीच का रास्ता निकाले। सरकार और किसानों की मुठभेड़ टालने के लिए अदालत ने यह काम किया,जो अदालतें प्रायः नहीं करतीं। सर्वोच्च न्यायालय का काम यह देखना है कि सरकार या संसद ने जो कानून बनाया है,वह संविधान की धाराओं … Read more

किसान-सरकार:शुभ संवाद

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** जैसी कि आशा थी,सरकार और किसानों की बातचीत थोड़ी आगे जरुर बढ़ी है। दोनों पहले से नरम तो पड़े हैं। इस आंशिक सफलता के लिए जितने किसान नेता बधाई के पात्र हैं,उतनी ही सराहना के पात्र कृषि मंत्री और व्यापार-उद्योग मंत्री भी हैं। बातचीत के बाद २ मुद्दों पर दोनों पक्षों की … Read more

संयम से काम लें भाजपा और ममता

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जगत नड्डा और भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर जो हमला हुआ,उसमें ऐसा कुछ भी हो सकता था,जिसके कारण ममता बनर्जी की सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती थी। यदि श्री नड्डा की कार सुरक्षित नहीं होती,तो यह हमला जानलेवा ही सिद्ध होता। … Read more

किसान बचें नेताओं से

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** किसान नेताओं को सरकार ने जो सुझाव भेजे हैं,वे काफी तर्कसंगत और व्यवहारिक हैं। किसानों के इस डर को बिल्कुल दूर कर दिया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होने वाला है। वह खत्म नहीं होगा। सरकार इस संबंध में लिखित आश्वासन देगी। कुछ किसान नेता चाहते हैं कि इस मुद्दे … Read more

उच्च शिक्षा स्वभाषाओं में…असली मुद्दा आज भी जहां का तहां ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने घोषणा की है कि उनका मंत्रालय उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा के माध्यम को लाने की कोशिश करेगा। बच्चों की शिक्षा भारतीय भाषाओं या मातृभाषाओं के माध्यम से हो,यह तो नई शिक्षा-नीति में कहा गया है और कोठारी आयोग की रपट में भी इस नीति … Read more

नेता और नौकरशाह: भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** ‘ट्रांसपेरेन्सी इन्टरनेशनल’ की ताजा रपट के अनुसार एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार यदि कहीं है तो वह भारत में है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इससे गंदा प्रमाण-पत्र क्या मिल सकता है ? इसका अर्थ क्या हुआ ? क्या यह नहीं कि भारत में लोकतंत्र या लोकशाही नहीं,नेताशाही और नौकरशाही है … Read more