हिन्दी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:प्रसार की लकीरें

डॉ. ओम विकास *************************************************************** २०वीं सदी में आर्थिक विकास का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रहा। नवाचार एवं आविष्कारोन्मुखी प्रवृत्ति से समाज विकसित और अविकसित वर्गों में बँटने लगे। २१वीं सदी में संज्ञानिकी का प्रबल प्रभाव है। लोक संस्कृति की संरक्षा की चिंता बढ़ने लगी है।प्रतिवर्ष २ प्रतिशत विश्व भाषाओं का लोप होता जा रहा है। … Read more

गाँव का ग्वाला,जो बना गीता नायक

डॉ. विकास दवे इंदौर(मध्य प्रदेश ) *********************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. भगवान कृष्ण जिन्हें हम गोपाल,कन्हैया,कान्हा,गिरधर, रणछोड़ आदि कई नामों से जानते हैं,बचपन में बड़े नटखट,चंचल और खेलप्रिय रहे। उनके बारे में जब भी हम बातें करते हैं तो कई बार हमें यह आभास होने लगता है मानो कन्हैया के गुण,गुण न होकर अवगुण थे,लेकिन … Read more

किसान(मर्सिया)

शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ (रचना शिल्प:फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलुन) खेत में सूखा पड़ा था,अब्र में बरखा नहीं। थी किसानों को ज़रूरत तो फ़लक बरसा नहीं। आज फसलें पक गई जब,तू जरा ठहरा नहीं, हो गई बर्बाद फ़स्लें,फिर भी तू तड़पा नहीं। अब रुलाएगी सियासत खून के आँसू हमें, फिर से ले के आएगी वो,थाली में … Read more

बताओ माँ,मेरे दामन में हिस्से क्यों नहीं आते ?

शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ खुदी चलकर बहाने से ये रस्ते क्यों नहीं आते। घरानों से मिरी बेटी को रिश्ते क्यों नहीं आतेl पराई थीं,पराई हूँ,पराई ही,रहूँगी मैं, बताओ माँ,मेरे दामन में हिस्से क्यों नहीं आते। मुझे तालीम लेने की बड़ी हसरत ज़िगर में है, मग़र चालीस रुपये में ये बस्ते क्यों नहीं … Read more