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हिन्दी का अध्यापक

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’
दिल्ली(भारत)
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शिक्षक दिवस विशेष………..

हिन्दी का अध्यापक आया,
बच्चों को नमस्ते सिखलाया
बच्चे कहते-गुड माॅर्निंग सर,
मास्टर जी शुभ सवेरा पर।

अध्यापक सिखलाते-क ख ग घ,
बच्चे बोले-नो सर न न न न
हमें सिखलाओ ए बी सी डी
मास्टर कहते-पी लूँ बीड़ी।

फिर सिखाऊँगा ए बी सी डी,
सबको अपनी-अपनी पड़ी
मास्टर जी-अ से अनार पढो़,
उसके बाद ज्ञ से ज्ञानी बनो।

बच्चों को कुछ समझ न आता,
मास्टर खुद को दोषी पाता
हिन्दी का यहाँ मर्म न जाने,
अध्यापक की बात न माने।

कल क्या होगा राम जाने,
बच्चे करते सौ-सौ बहाने
बच्चे कहते-अध्यापक जी,
हिन्दी तो बहुत व्यापक जी।

शाॅर्ट में हमको समझा दो,
पास भी हमको करवा दो
अ से अनार हम सब पढ़ेंगे,
ज्ञ से ज्ञानी भी हम बनेंगे।

हिन्दी अपनी मातृभाषा,
पढ़ लो हिन्दी,दूर निराशा
हिन्दी को तुम मत समझो फन,
घंटी बज गई फिर टन टन टन॥

परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘H हिन्द हाथरसी’ के नाम से जानी जाती हैं। स्थाई निवास दिल्ली में ही है। १९६४ में २६ अक्टूबर को हाथरस (जिला अलीगढ़,उत्तर प्रदेश) में जन्म हुआ है। आपने बीए और बीएड की शिक्षा प्राप्त की है। लम्बे समय से लेखन में सक्रिय रीता जी ने कोरियर कंपनी में करीब २५ वर्ष कार्य किया है। कवि इंद्रजीत तिवारी और निर्भीक जी वाराणसी के साथ ही काव्य की शिक्षा दिल्ली से हासिल की हैL आपकी प्रेरणा का पुंज डाॅ.अशोक कश्यप (साहित्यकार) एवं जगदीश मित्तल हैं। पुस्तकें पढ़ना,धार्मिक-ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण एवं लेखन कार्य ही आपका मनपसंद काम हैL यह सभी विधाओं में लेखन करती हैं। अगस्त तक आपकी एकल पुस्तक आ जाएगी तो कई साझा संग्रह में सखी परिवार साझा संग्रह में रचनाएं छपी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर आप कई समाजसेवी संस्थाओं से आजीवन सदस्यता में जुड़ी हुई हैंL आपको देशसेवा,पशु-पक्षियों से लगाव, साहित्य से प्रेम के साथ ही पसंदीदा खेल बैडमिंटन,कैरम और शतरंज हैंL साहित्य में इनकी उपलब्धि यही है कि,बहुत-सी पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हैं तो, समाचार-पत्रों में लेखन,कहानी,निबंध, शायरियां,दोहे,कविताएँ,हास्य लेख प्रकाशित होते हैंL आपको विशेषज्ञता आलेख तथा गीत में है। सम्मान की श्रंखला में आपको विश्वगुरू भारत परिषद-२०१७,काव्य सम्मान, जय हिन्द मंच से सम्मान, स्वच्छ भारत अभियान सम्मान,दर्पण पत्रकारिता सम्मान सहित प्रादेशिक स्तर पर भी कई काव्य सम्मान मिले हैंL आपका लेखनी का लक्ष्य हिन्दी साहित्य में योगदान देना और देश में हिन्दी भाषा के प्रति जागरूकता लाना हैL

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