रोहित मिश्र,
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)
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नारी है प्रेम की मूरत,
लगती है खूबसूरत
भाती है उसकी सूरत,
उसकी है सबको जरूरत।
माँ है ममता की मूरत,
बहन की प्यारी-सी सूरत
पत्नी भी खूबसूरत,
उसकी है सबको जरूरत।
नहीं है अबला की मूरत,
दिखती उसमें शक्ति की सूरत
हर नारी दिखती खूबसूरत,
उसकी है सबको जरूरत।
सबको है उसकी जरूरत,
उसकी है सबको जरूरत।
नारी है प्रेम की मूरत,
लगती है खूबसूरत॥