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दीपशिखा सागर का सृजन भाव व शिल्प की दृष्टि से श्रेष्ठ-प्रो. खरे

मंडला(मप्र)।

काव्यांगन समूह ने बुधवार को एकल काव्यपाठ आयोजित किया,जिसमें जानी-मानी कवियित्री दीपशिखा सागर (छिंदवाड़ा) ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से अतिथियों और श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। मुख्य अतिथि प्रो. शरद नारायण खरे( मण्डला) ने कहा कि दीपशिखा सागर की रचनाएं भाव और शिल्प की दृष्टि से अद्वितीय हैं।
इस कार्यक्रम में सभी ने दीपशिखा सागर की रचनाओं की भूरि-भूरि सराहना की। मुख्य अतिथि प्रो. खरे ने कहा कि दीपशिखा सागर ‘गागर में सागर’ समाहित करने में कुशल हैं। काव्यांगन में एकल काव्यपाठ कर कवियित्री ने वास्तव में भाव-विभोर कर दिया है।
गीतकार और पत्रकार राजकुमार धर द्विवेदी ने कहा कि दीपशिखा सागर ने बहुत ही कम समय में हिंदी और उर्दू काव्य-जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इनकी काव्य-साधना ने साहित्य को काफी समृद्ध किया है।
वरिष्ठ साहित्यकार रामलाल सिंह परिहार, नागौद (सतना) ने कहा कि दीपशिखा सागर का साहित्य उच्च कोटि का है। भाषा,शैली और कथ्य की दृष्टि से इनकी रचनाएं श्रेष्ठ हैं।
कुशल मंच-संचालन से कार्यक्रम को ऊंचाई देने वाली कवियित्री अनिता मंदिलवार ‘सपना’ ने कहा कि वे दीपशिखा के गीत,छंद और ग़ज़लें उम्दा हैं।
कार्यक्रम के मार्गदर्शकद्वय जयप्रकाश पांडेय, मेरठ और डॉ. बृजेंद्र वैद्य ने भी दीपशिखा सागर के काव्य को सराहा। यह कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। दीपशिखा ने कहा-
‘नेह अनूठा आपका,खींचे अपनी ओर,
दिल को दिल से बांधती,काव्य प्रेम की डोर।’
आभार प्रदर्शन श्री द्विवेदी ने किया।

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