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भाव देशहित का हर पल हो

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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कटी गुलामी की जंजीरें,
है तन-बदन स्वतंत्र हमारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान,तिरंगा प्यारा॥

खींच राष्ट्र को अंधकारमय,
बीहड़ से बाहर ले आए।
युवा शक्ति को नयी दिशा दे,
नवजीवन के पुष्प खिलाए॥

रग-रग बढ़ी क्रांति की ज्वाला,
श्रम-जल-कण मोती बिखराए।
अनय पंथ का किया विखंडन,
सत्य,न्याय की ज्योति जगाए॥

मातृभूमि के संरक्षक बन,
तुमने दुश्मन को ललकारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान तिरंगा प्यारा॥

मानवता के पोषक हो तुम,
राष्ट्र भक्ति सिखलाने वाले।
गौरववान देश भारत की,
कीर्ति लता लहराने वाले॥

बिछुड़े हुए मार्ग से वंचित,
को सत राह बताने वाले।
क्रूर,कुटिलता,भ्रष्ट नीति की,
जड़ को दूर भगाने वाले॥

मस्तक कभी न झुकने देना,
कायम रहे स्वराज्य हमारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान तिरंगा प्यारा॥

याद दिलाते हो तुम हमको,
क्रांति-वीरता की गाथाएं।
हमें भटकने कभी न दोगे,
बंधी हुई हैं जन आशाएं॥

राष्ट्र एक है,सभी एक हम,
शान्तिपूर्ण कर्तव्य विधाएं।
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,
जाति-पंथ का भेद मिटाएं॥

जिस पथ में हम बढ़े एक हो,
निष्कंटक हो मार्ग हमारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान तिरंगा प्यारा॥

सत्य,अहिंसा,अचलशान्तिमय,
पावन पथ के दिग्दर्शक हो।
श्वेत,हरे,केसरिया से युक्त,
गौरववान अशोक चक्र हो॥

त्याग और बलिदान राष्ट्र हित,
जगती तल के आकर्षक हो।
पिछड़े,पीड़ित,पतित वर्ग के,
जन-जीवन के पथ दर्शक हो॥

लाल किले पर लहराते हो,
नमन तुम्हें है राष्ट्र सितारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान तिरंगा प्यारा॥

जो भी बोले,करें-विचारें,
सदा वतन का ध्यान रहे।
घर-बाहर,हर जगह हमारा,
लक्ष्य राष्ट्र निर्माण रहे॥

भाव देशहित का हर पल हो,
कृषक,श्रमिक,विद्वानों में।
सृजन हेतु सहमति,जागृति हो,
गाँव,गली,खलियानों में॥

दिव्य गुणों से शोभित प्रतिभा,
हो,यह रहे प्रयास हमारा।
अमर शहीदों की कुर्बानी,
विजय निशान तिरंगा प्यारा॥

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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