निक्की शर्मा `रश्मि`
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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मेरी आँखों में ख्वाब तेरा देखो चहकने लगा है,
कैसे कह दूँ मैं शबाब अब तेरा महकने लगा हैl
दिल में मैं हूँ तेरे भी,बातों से पता चलने लगा है,
होश भी नहीं अब तुम्हें तेरा दिल तड़पने लगा हैl
खामोश था जो दर्द दीवारें देखो सँवरने लगा है,
जहाँ मातम था बिखरा यादों से मुस्कुराने लगा हैl
हर रोज अब बस तेरे आने की राह तकने लगा है,
तुमसे जल्द मिलन को ये दिल बस तड़पने लगा हैl
याद से किसी के डरता था दिल अब हँसने लगा है,
गुजर गया जो पल ‘रश्मि’ उसे दिल भुलाने लगा है॥