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वही सबका रखवाला है

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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क्या खेल समय ने खेला है,
जग में ‘कोरोना’ का मेला है।
सबके साथ भी नर अकेला है,
क्या खेल समय ने खेला है…।

ईश्वर का खेल निराला है,
सब ओर मकड़ी का जाला है।
कोरोना ने डेरा डाला है,
धर्म घरों में लटका ताला है…।

अब उजाला भी लगता काला है,
सरोवर भी लगता नाला है।
प्रदूषण ने प्रभाव अब डाला है,
तड़पत हर ग्वाल-बाला है…।

कहे ‘उमेश’ कि हे कान्हा! तू तो दीनदयाला है,
लाज बचाई द्रोपदी की,अब दरी क्यों डाला है।
हम अबोध बालक तेरे,तू तो सब जानने वाला है,
भँवर में फँसी जीवन नैया,अब तू ही खेने वाला है॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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