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नाट्य कार्यशाला में समझाई अभिनय की बारीकियाँ

शिलाँग(मेघालय)l

संगीत नाटक अकादमी(नई दिल्ली) के सहयोग से डॉ. अकेलाभाई प्रोग्रेसिव फाउंडेशन(छाप,गोपालगंज) द्वारा सिसई स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल में हिंदी नाट्य कार्यशाला का आयोजन फाउंडेशन के कार्यक्रम निदेशक जान मुहम्मद के संयोजन में किया गया। कार्यशाला के दौरान रंगमंच का इतिहास,वाचिक परम्परा,नाटक की उपयोगिता,रोजगार के अवसर,अभिनय,संवाद,लेखन,स्मरण शक्ति का प्रयोग,मंच व्यवस्था एवं रेडियो नाटक आदि विषयों पर जान मुहम्मद सहित गियासद्दीन अंसारी,विकास सिंह कुशवाहा और नियाजुद्दिन सिद्दिकी ने गहन रूप से विद्यार्थियों को समझाया। इस कार्यशाला में रिजवान आलम,नवाज शरीफ,अशोक कुमार सिंह,श्रीनिवास सिंह,शाजिया परवीन सहित संजय सिंह और टुनटुन सिंह आदि ने सक्रिय रूप से भाग लेकर प्रसन्नता जताई। फाउंडेशन द्वारा पहली बार अकादमी के सौजन्य से इस तरह की कार्यशाला में युवाओं के साथ-साथ अभिभावकों में भी काफी दिलचस्पी दिखाईl कार्यक्रम निदेशक जान मुहम्मद ने बताया कि,फाउंडेशन के सदस्य विगत चार दशकों पूर्व तक नाटक के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। गाँवों में नाटकों का प्रचलन धीरे-धीरे बंद होने लगा। संप्रति इंटरनेट और अन्य सोशल मीडिया के आने के बाद नाटकों के आयोजन के साथ-साथ अन्य ग्रामीण खेल-कूद भी बंद होने लगे हैं। फाउंडेशन की स्थापना से उन्हें एक मंच मिला है और वे इस मंच के माध्यम से अपनी कला का विकास राज्य और देश स्तर पर करेंगे,जिसमें फाउंडेशन कलाकारों की प्रतिभा के विकास के लिए कार्य करेगा। जान मुहम्मद ने बताया कि कार्यशाला के बाद एक नाटक के मंचन के लिए अभ्यास भी एक सप्ताह तक कराया गया और नाटक वापसी का मंचन विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर होना था,पर कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया। स्थिति सामान्य होने पर वापसी का मंचन फाउंडेशन के परिसर में ही किया जाएगा। इस कार्यशाला के दौरान शिक्षक गियासद्दीन ने अभिनय और नियाजुद्दिन सिद्धिकी ने वेशभूषा के महत्व पर प्रकाश डाला,जबकि जान मुहम्मद ने नाटक के हर पहलू पर विस्तृत रूप से बताया। अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में उभरते कलाकारों की कमी नहीं है। राकेश मांझी,रिजवान अली,आरजू अंसारी आदि सदस्यों को आपने धन्यवाद दिया। कार्यशाला का समापन राष्ट्र-गीत की प्रस्तुति के साथ हुआ।

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