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लहराते तिरंगे ने…

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………


लहराते तिरंगे ने जितनी,
उम्मीदों का बांधा संग है
देश में आज उतना विरोधों,
का छाया गहरा काला रंग हैl
मेरा देश आज खुशी,
से मना रहा गण का तंत्र है
और मजहबी भेद-भाव,
का आज भी पढ़ा जाता मंत्र हैl
दस कक्षा पढ़ कर भी,
सैनिक जाते हैं देश पर मर
पीएच-डी धारकों को,
मेरे देश में रहने से लगता है डरl
हर `निर्भया` आज भी मेरे,
देश में इंसाफ को तरसती है
कभी तेजाब तो कभी गंदी,
निगाहों की बारिश बरसती हैl
३७० के अंत ने आज,
कश्मीर को किया पूरा है
कौन कहेगा कश्मीरी पंडितों,
के साथ आज भी होता बुरा हैl
जब मेरे इन सवालों,
की बुझेगी गंदी दहक
तब कहूँगी आज मेरे देश में,
गणतंत्र की छायी सच्ची महकl
लहराते तिरंगे ने जितनी,
उम्मीदों का बांधा संग हैl
देश में आज उतना विरोधों,
का छाया गहरा काला रंग हैll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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