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सैनिक-राष्ट्रीय गौरव

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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‘सैनिक’ एक शीर्षस्थ नाम है,
राष्ट्रीय धरोहर और
उन्नत सम्मान है,
अनुशासन का बेहतरीन प्रदर्शक
उच्च विचारों से सना,
उच्च स्तरीय वरदान है।

राष्ट्रीय गौरव और अभिनन्दन,
के उत्कर्ष के रूप में बड़ा सम्मान है
राष्ट्रीय सुरक्षा और भूमि पर,
रक्षक की भांति
सम्पूर्ण संस्कार है,
देश को सुरक्षित बचाने का
प्रबल व मजबूत हथियार है।

देश के सेना का सदस्य,
सैनिक कहलाता है
राष्ट्र को समर्पित सैनिक,
सुरक्षा कवच और कुंडल की
भूमिका निभाता है।

युद्ध और मानवीय आपदा में,
सबसे पहले खड़ा हो जाता है
दुनियाभर में सैनिक,
बिछड़े हुए देशवासियों को
एकत्रित कर अपनत्व बढ़ाता है।

अनुशासित और उत्साहित,
व्यक्ति ही सैनिक का
सर्वोत्तम उपहार माना जाता है,
दुःख की घड़ी का भाग्य विधाता
और सुरक्षा कवच कहलाता है।

स्वयं पर अधिकार शून्य,
सैनिक कहलाता है
देश के लिए सदैव हृदय से,
न्योछावर हो जाता है।

आओ हम-सब मिलकर यहाँ एक,
देश के सम्मान के लिए,
हम सब एक सैनिक बन जाएं।
देश को सुरक्षित बचाने में,
हरपल हरक्षण बिना थके हुए
लगातार देश भक्ति के रंग में,
बिना किसी चाहत के रंग जाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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