कहानी और है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दर्ज काग़ज़ पर कहानी और है।अस्ल में ये ज़िंदगानी और है। पहले मेरे दिल में रहती थी मगर,अब ख़ुशी की राजधानी और है। और…

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निखर जाते हैं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* दर्द से लोग जो गुजरे, वो निखर जाते हैं।वक्त के दर्द जो सहते, वो शिखर पाते हैं। वक्त हालात को बदले, तो भला क्या शिकवा,टूटते…

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काम आते जाइए

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दूसरों के काम आते जाइए।ज़िंदगी आसाँ बनाते जाइए। बादलों से है ज़मीं की इल्तिमास,प्यास खेतों की बुझाते जाइए। ताकि दिल पर कम रहे एहसान…

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मुहब्बतों में खुदाई

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मुहब्बतों में खुदाई गवाह होती है।हरेक दिल पे ख़ुदा की निगाह होती है। इबादतों सी मुहब्बत जहाॅं हुआ करती।इनायतें भी अदा बे-पनाह होतीं हैं। खुदी…

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सबको शिकायत है आजकल

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** मतलब परस्त सारी रफ़ाक़त है आजकल।इक-दूजे से ये सबको शिकायत है आजकल। देखा जो माल-ओ-ज़र तो तअल्लुक बढ़ा लिए,कुछ रिश्तों की यही तो हक़ीक़त…

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दिसंबर गुज़र गया

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** फिर साल-ए-नौ तुम्हारा दिसंबर गुज़र गया।फिर वक़्त ने पुकारा दिसंबर गुज़र गया। फिर ख़्वाब जनवरी के अधूरे ही रह गए,फिर लौटकर ख़ुदारा दिसंबर गुज़र…

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हठीली ठंड

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** ये बर्फ़ीली हवाएंँ तेज़ तूफ़ाँ ये हठीली ठंड।मुक़ाबिल तुमको पाकर हो गई कितनी गुलाबी ठंड। तुम्हारी याद की इक गुनगुनी- सी धूप के दम…

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न दिलों का करार हूॅं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* न मुहब्बतों का खुमार है, न ही मैं दिलों का करार हूॅं।न रही वो बात भी वक्त में, मैं अभी गमों का दयार हूॅं। न…

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न प्यार निभा सके

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* न मिला किसी से वो प्यार जो, ये दिले करार सजा सके।न सजे अगर तो मिटा रहे, जो यहाॅं न प्यार निभा सके। न दिखे…

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रुसवा न करो दिल को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हर दिल में खुदाई है, रुसवा न करो दिल को।उल्फत न सजे फिर भी मिटने तो न दो दिल को। हर दिल की मुहब्बत पे…

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