भेदभाव
वाणी वर्मा कर्णमोरंग(बिराट नगर)****************************** जब प्रकृति किसी सेभेदभाव नही करती,कुछ देने से पहलेमरने से पहले,नहीं पूछती जात-धर्मयहां तक कि महामारी भी,नहीं पहचानती जात-धर्म।पेशा-व्यवसायअमीर-गरीब,ऐसे ही हैं भगवानउनके घर सब हैं जाते,अपनी…