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अद्भुत नजारा

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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सृष्टा ने अपनी रचना का,
भव्य रूप संवारा है।
नाना रंग समाए इसमें,
अद्भुत दृश्य नजारा है॥

प्रकृति की मनमोहिनी झांकी,
नाना ऋतु बनाई है।
विविध वृक्ष अरु लता मनोहर
झांकी खूब सजाई है॥
आसमान में चाँद-सितारे,
रजत रश्मि की धारा है।
नाना रंग समाए इसमें,
अद्भुत दृश्य नजारा है…॥

दिनकर अश्वों पर सवार हो,
करता जग में उजियारा।
वसुधा पर मोती से चमके,
दृश्य लगे सबसे न्यारा॥
शीत लहर का बनता प्रकोप,
धरा कभी अंगारा है।
नाना रंग समाए इसमें,
अद्भुत दृश्य नजारा है…॥

नदियां सागर झरने बहते,
खेतों को सींचे जल से।
हरे भरे तरु और लताएं,
लदी हुई मीठे फल से॥
करे प्रसारित मस्त गंध को,
बहे पवन की धारा है।
नाना रंग समाए इसमें,
अद्भुत दृश्य नजारा है…॥

नाना जीवों की रचना की,
सुंदर मानव जीव बना।
सृष्टा का निर्माण है सृष्टि,
उसने सब कुछ यहाँ जना॥
कलाकार वह सर्वश्रेष्ठ है,
उसने सब-कुछ धारा है।
नाना रंग समाए इसमें,
अद्भुत दृश्य नजारा है…॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

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