चण्डीगढ़ (पंजाब)।
पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष रहे डॉ. जयप्रकाश साहित्यशास्त्र के उद्भट विद्वान, विवेकशील शिक्षाशास्त्री, प्रबुद्ध आलोचक व छात्रप्रिय प्राध्यापक के रूप में सुख्यात हैं। उनके द्वारा रचित ‘तुलसीदास:नए साक्षात्कार ‘, ‘ध्वनि और रचना-सन्दर्भ’, ‘बिहारी की काव्य-सृष्टि’, ‘आधुनिक हिन्दी कविता में अर्थबोध की समस्या’ आदि ऐसी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं, जिन्हें पढ़कर प्राय: अध्येताओं के संशय निर्मूल हो जाते हैं। पंजाब हिंदी लेखक संघ ने बताया कि, हिन्दी-जगत् में उनके द्वारा प्रदत्त महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान (लखनऊ) की ओर से मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया है। संघ ने प्रो. जयप्रकाश को हार्दिक बधाई दी है।