एम.एल. नत्थानी
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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मन की कड़वाहट को,
मधुरता से बदलना है
आहत दिलों में प्यार की,
बारिशों से भिगोना है।
हल्की-फुल्की दरारों को,
नजर-अंदाज करना है
केवल ज़ुबान से ही नहीं,
दिल से माफ करना है।
किसी से इतना नाराज़,
होना अच्छा नहीं होता है।
फिसलती जिंदगी में भी,
कोई गुरेज नहीं होता है॥