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बाती दीपक में जले

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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बाती दीपक में जले,करे तिमिर को दूर।
जीवन करे प्रकाशमय,रंग भरे भरपूर॥
रंग भरे भरपूर,प्रकाशित ये जग सारा।
जले तेल के साथ,करे तन मन उजियारा॥
कहे ‘विनायक राज’,जले दीपक दिन राती।
सदा रहे ये साथ,हमारे दीया-बाती॥

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