कुल पृष्ठ दर्शन : 170

You are currently viewing यह संभव नहीं है

यह संभव नहीं है

जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
*******************************************

मान लें कठिनाइयों से हार यह संभव नहीं है।
रोग ‘कोरोना’ करे लाचार यह संभव नहीं है॥

मौत देखो आँख से काजल चुराती घूमती है,
नित नई कोशिश हमारी जिंदगी को चूमती है।
साँस अब भी चल रही है,दीपकों-सी बल रही है,
छोड़ दें हम हाथ से तलवार यह संभव नहीं है॥
मान लें कठिनाइयों से हार यह संभव नहीं है…

राह के हम वो मुसाफिर जो कभी थकना न जानें,
रोग हो या युद्ध होवे हम कभी हटना न जानें।
देश सारे रो रहे हैं,आत्म संयम खो रहे हैं,
फेंक दें हम नाव से पतवार यह संभव नहीं है॥
मान लें कठिनाइयों से हार यह संभव नहीं है…

व्याधि की गति भी यहां पलभर नहीं आराम पाती,
काल की रति भी यहां पर नित-नए पैगाम लाती।
पर चिकित्सक लड़ रहे,मौत सम्मुख अड़ रहे हैं,
चेतना के बंद होवें द्वार यह संभव नहीं है॥
मान लें कठिनाइयों से हार यह संभव नहीं है…

चार दिन का है अंधेरा फिर उजाले ही उजाले,
शांति-संयम से मरेंगे रोग के यह नाग काले।
प्रश्न का उत्तर यही है,बात ‘हलधर’ की सही है,
कुछ जमातें रोक दें उपचार यह संभव नहीं है॥
मान लें कठिनाइयों से हार यह संभव नहीं है…

Leave a Reply