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सबसे ऊपर है संविधान

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’
बूंदी (राजस्थान)
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गणतंत्र दिवस विशेष….


जनता की अभिलाषा का सम्मान तू,
देश में सबसे ऊपर है संविधान तू।
भारत की छवि तुझमें हमको दिखती है,
देश को तुझसे ही गरिमा मिलती है॥
जय हो तेरी,भारत का अभिमान तू,
देश में सबसे…

गणतन्त्र बनाकर तूने जो उपकार किया,
सब जन को कर्तव्य दिया,अधिकार दिया।
अधिकार बनाकर तुझको अपना मान लूँ,
देश में सबसे ऊपर है…॥

भीमराव ने ऐसा तुझको बनाया है,
देश के सब जन का मन यूँ हर्षाया है।
हिन्द जनों के सपनों की है उड़ान तू,
देश में सबसे ऊपर है…॥

आजादी का तूने सच्चा सुख है दिया,
संघ बनाकर देश को सम्प्रभु है किया।
जनता की सरकारों में है जान तू,
देश में सबसे ऊपर है…॥

नियम ज्योति से देश को राह दिखाता है,
न्याय धर्म पर आगे हमको बढ़ाता है।
देश की अस्मिता का प्रतिमान तू,
देश में सबसे ऊपर है…॥

निरपेक्ष पन्थ है समता है समाजों की,
प्रार्थना,पूजा लड़ियाँ है नमाजों की।
सर्वधर्म का विकास है,उत्थान तू,
देश में सबसे ऊपर है…॥

गणतंत्र-दिवस पर आज ये कसम उठाते हैं,
देश धर्म ईमान से फर्ज निभाते हैं।
सब ग्रन्थों में गीता का है ज्ञान तू,
देश में सबसे ऊपर है…॥

जनता की अभिलाषा का सम्मान तू,
देश में सबसे ऊपर है संविधान तू॥

परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार ‘अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि १७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान बूंदी (राजस्थान) है। आप बूंदी शहर में इंद्रा कॉलोनी में बसे हुए हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा लेने के बाद शिक्षा को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। लेखन विधा-काव्य और आलेख है,और इसके ज़रिए ही सामाजिक मीडिया पर सक्रिय हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी लिपि की सेवा,मन की सन्तुष्टि,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है। २०१८ में श्री मेघवाल की रचना का प्रकाशन साझा काव्य संग्रह में हुआ है। आपकी लेखनी को बाबू बालमुकुंद गुप्त साहित्य सेवा सम्मान आदि मिले हैं।

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