ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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मित्रता और जीवन…
विश्वास के धागों में बंधा,
एक नाम है दोस्ती
प्रेम और त्याग की,
मिसाल है दोस्ती।
भावों को समझने का,
एहसास है दोस्ती
जीवन में अभिव्यक्ति की,
मिठास है दोस्ती।
पूरे हो जाए जो सपने,
वो आस है दोस्ती
संगीत की दुनिया में,
एक साज़ है दोस्ती।
तन्हाई में सुकून का,
आभास है दोस्ती।
बस यूँ कहिए रिश्तों में,
सबसे खास है दोस्ती॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।