कुल पृष्ठ दर्शन : 202

You are currently viewing अंधेरा नहीं रहेगा

अंधेरा नहीं रहेगा

ममता तिवारी
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
**************************************

बुरे तो हैं पर बुरा न देखो,
कहते हैं वो अकुलाए
अकल अंधे होते कुछ बंदे,
भेड़चाल जो अपनाए।

झूठ परोस लपेट चाशनी,
छि कहे तो आँख दिखाए
आँख मूंद कर चलने वाले,
उजली दुनिया घबराए।

चाहे अंधेरा रहे कायम,
अंधा लो जमात सजाए
साथ निभाने अक्ल के पैदल,
आँखें बांध चले आए।

रहबर बना चल पड़े पीछे,
अंधे का साम्राज्य बनाए।
इक-इक कड़ी जो टूटे तो,
उजाला जरा से आए॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।

Leave a Reply