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उनका चिंतन आज भी प्रासंगिक

मुंशी प्रेमचंद जयंती..

धनबाद (झारखंड)।

मुंशी प्रेमचंद पर व्याख्यान देना आसान काम नहीं है। उनकी रचना तो पूरा व्याख्यानमाला ग्रंथ है, जो सदियों तक देश को प्रेरणा देता रहेगा। उनका चिंतन आज भी प्रासंगिक है।
सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच के तत्वावधान में ‘उपन्यास सम्राट’ मुंशी प्रेमचंद की १४३वीं जयंती पर वृंदावन मैरेज गार्डन (वृंदावन कॉलोनी ) में आयोजित समारोह में धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूप में यह उद्बोधन दिया।
संस्था के संस्थापक संजय सिंह ‘चंदन’ ने इस अवसर पर आमंत्रित सभी विद्वान साहित्यकारों का अभिनंदन किया। साहित्य मनीषियों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम की शुरुआत में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर विधायक ने द्वीप प्रज्वलित किया। आपने मुंशी जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया। साहित्यकार प्रियदर्शिनी पुष्पा ने सरस्वती वंदना कर शुभारंभ को आगे बढ़ाया।
विशेष अतिथि झारखंड के ‘उपन्यास सम्राट’ मनमोहन पाठक, डॉ. राम अवतार सिंह (पूर्व प्राचार्य), प्रसिद्ध ग़ज़लकार डॉ. अरविंद अंशुमान, मातृ शक्ति में वरिष्ठ साहित्यकार रत्ना वर्मा ‘राज’, पत्रकार उमेश तिवारी, प्रमिला श्री तिवारी और वृंदावन हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष व समाजसेवी जीतन गोप आदि भी उपस्थित रहे।


कार्यक्रम संयोजक राजेश राय एवं सह संयोजक रवींद्र उपाध्याय ने सभी का जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर करीब ६० साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुति और काव्य से सबको मुग्ध कर दिया। डॉ. कविता विकास, डॉ. संगीता नाथ, प्रीति बाला कर्ण, शालिनी झा, पाण्डेय सरिता, कृष्ण देव यादव और संतोष ओझा आदि की प्रस्तुति सराही गई।
🔹’भारत रत्न’ की मांग
सभी साहित्यकारों ने मुंशी प्रेमचंद रचित पुस्तक ‘सोज-ए- वतन’ उठाकर मांग की कि मुंशी प्रेमचंद को ‘भारत रत्न’ दिया जाए। विधायक श्री सिन्हा ने भी कहा कि, राज्यपाल, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को इस संदर्भ में पत्र लिख कर मांग करूँगा।
🔸 ‘मेरे राम’ विमोचित

आयोजन में साहित्यकार संजय सिंह ‘चंदन’ एवं डॉ. शैलेश कुमार सिंह की साझा काव्य पुस्तक ‘मेरे राम’ का विमोचन विधायक श्री सिन्हा एवं डॉ. राम अवतार सिंह द्वारा किया गया।