डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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रक्षाबन्धन विशेष….
यह एक धागे का प्यार है,
सबमें खुशियों का दिखता उत्साह है
भाई-बहन के प्यार के रिश्ते को,
बना देती एक पूर्णता जो दिखलाता सद्भाव है।
यह एक धागे का प्यार,
मजबूत प्रेम की बौछार है
रक्षा-बंधन पर भाई का एक,
बहन की रक्षा का कठोर क़रार है।
एक धागा समेट लेता है,
बचपन के प्यार की धारा
भाई-बहन में दिखता है,
उत्कृष्ट अंतरंग सम्बन्धों की
उन्नत प्रचंड लहरों का सहारा।
उम्मीदों को जिंदा-आबाद रखता है यह,
एक धागे का उन्नत प्यार
माँ-बाप की कमी नहीं खलने देता है,
यह छोटा-सा प्यार का तार।
यह सुरक्षा और बन्धन की सीख देता है,
मजबूत सम्बन्धों को सींच कर
मजबूती प्रदान करता है,
मुश्किल वक्त में यह एक धागे का प्यार
उम्मीद देता है,
किसी अनजान दुश्मनी से बचने की
भरपूर उम्मीद देता है।
यह रक्षा सब सूत्र नहीं भाई के,
लम्बी उम्र की यहां कहानी लिखी जाती है
भाई को इस दिन यहां बहन की रक्षा की,
सही-सही ताक़ीद दी जाती है।
रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं के,
सुंदर उदाहरण आज़ परम्परा बन चुके हैं
भारतवर्ष में भाई-बहन के प्रेम की एक,
सही सुन्दर और स्नेहिल कहानी बन चुके हैं।
आज़ सुहावनी रातें दिल से कुछ बताएंगी यहां,
भाई-बहन के प्रेम के रिश्ते की
सब बातों से हमें,
अवगत कराएंगी यहां।
आज हम एक धागे के प्यार को,
जी भरकर खुशियाँ मनाएं।
जिन्दगी के सफ़र में खुशहाली और मिल्लत का,
खूब उमंग और उत्साह से रंग बरसाएं॥
परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।