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कैसे हो बरसात शह्र में…

बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’
अहमदाबाद (गुजरात)
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है धुंध-धुंआ-गर्द की सौगात शह्र में।
कितने बुरे हैं देखिये हालात शह्र में।

क्यों खून से हैं लथपथ अखबार आजकल,
क्या मर गये हैं लोगों के ज़ज्बात शह्र में।

हैं पीठ पर निशाँ कई खंज़र के आज भी,
कुछ दोस्त ने दिए थे जो सौगात शह्र में।

पत्थर के दिल-ओ-घर हैं हैं दरख़्त कहीं नहीं,
खुशियों की हो तो कैसे हो बरसात शह्र में।

बेजान-मूर्त आदमी बस है यहाँ-वहाँ,
होती नहीं बशर से मुलाक़ात शह्र में॥

परिचय-बैजनाथ शर्मा का साहित्यिक नाम-कवि बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’ है। इनका जन्म ५ मार्च १९७७ को नालंदा (मेहतरमा,बिहार)में हुआ है। आपका वर्तमान बसेरा दोहा-क़तर में और स्थाई निवास अहमदाबाद (गुजरात) में है। हिंदी,अंग्रेजी एवं गुजराती भाषा जानने वाले श्री शर्मा ने स्नातकोत्तर(हिंदी-अंग्रेजी)और बी.एड की शिक्षा प्राप्त की है। आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन का है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत सामाजिक कार्यकर्ता (बिहार)हैं। इनकी लेखन विधा-ग़ज़ल,कविता,दोहे और कहानी है। दिल्ली से किताब ‘ग़ज़ल दुष्यंत के बाद’ प्रकाशित हो चुकी है,तो देश-विदेश के अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं आती रहती हैं। देश-विदेश की अनेक साहित्यिक,सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया गया है। बैजनाथ शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-आत्मसंतुष्टि व लोक जागरण है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-कई हैं,आप किसी एक का नाम लेना उचित नहीं मानते। आपके लिए प्रेरणा पुंज-गुरुवर भगवानदास जैन हैं। श्री शर्मा का सबके लिए सन्देश-प्रयासरत रहें,सफलता अवश्य मिलेगी। इनकी विशेषज्ञता-ग़ज़ल लेखन में है।

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