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सबक सिखाएंगे

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष……

 

वीरों का बलिदान व्यर्थ न
जाए,
अब हम सबक सिखाएंगे
संबंधों में पडी़ दरारें,
कभी नहीं भर पाएंगे।
सदियों की ज्वाला में तपकर ,
इस माटी में पलकर
बलिदान से सबके,
भारत मेरा महान है।
जिसने पुण्य हिमालय पर,
हमला कर आँख तरेरी है
समझो उसका महानाश है,
मौत दे रही फेरी है।
तड़प उठी तलवार फिर से,
बढ़ी आन की शान है
अब नहीं छोड़ेंगे,
भारत मेरा महान है।
जिन साँपों ने शीश उठाया,
उनको कुचल-कुचल देगें
वार किया धोखे से जो,
बदला मचल-मचल लेंगें।
हम सबको माता का,
सहन नहीं अपमान है
भारत नगर जगे हैं गाँव,
उठ आया तूफान है।
लें ज्यों महाकाल अंगड़ाई,
चप्पे-चप्पे हृदय-हृदय में
हमलावर को सबक सिखाने
उबल पड़ी है तरूणाई।
कमजोर न समझना हमें,
हम वीर इंसान हैं।
बदला लेंगे गिन-गिनकर,

भारत मेरा महान है॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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