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गजानन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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गणेश चतुर्थी विशेष….

गणपति बप्पा मोरया,
आजा घर मोरे
सब-कुछ छोड़ कर,
मैं दे रहा हूँ आवाज
सब-कुछ रोक कर।

तेरी हर अदा पर,
सब लोग फिदा हैं
सम्पन्नता और बेहतरी को,
लेकर आप पर,
आज़ भी काफी संजीदा है।

नया इतिहास रचा जा रहा है,
सबमें आपको खोजना
आज़ एक अन्दाज में,
यहाँ दिख खूब रहा है।

आस्था, प्रेम और विश्वास,
सब आपके संग हैं
इस कारण ही यहाँ,
खुशियों से भरपूर रंग है।

मोदक और लड्डू,
आपके प्रिय भोजन हैं
सबसे प्रखर पहचान बनाने वाली,
मजबूत ताकतों को
हर क्षण हर पल उत्साहित करते हुए,
पूर्ण कर देते हैं सभी की इच्छा
मन में समाई हुई सब लोगों की,
हर का एक-एक प्रयोजन है।

गजानन महाराज आज़,
सबसे प्रिय अवतार है
समृद्धि और सफलता के लिए,
सबसे प्रखर हथियार है।

सबसे पहले पूज्यनीय हैं,
इसलिए कहलाते हैं विघ्न विनाशक
आज़ इस कारण,
बढ़ रहे हैं इनके उपासक।

आओ हम-सब मिलकर यहाँ,
गजानन महाराज को
हृदय तल से सम्मान देने के
साथ खूब यहाँ गुणगान करें।
खुशियाँ और सुकून देने वाली
ताकत बनकर ख़ुद पर अभिमान करें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।