डॉ. कुमारी कुन्दन
पटना(बिहार)
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गणेश चतुर्थी विशेष…
देवों में जो प्रथम पूज्य है,
उनका मैं कैसे करुँ बखान
करता भक्ति वही फल पाता,
करते बल-बुध्दि उसे प्रदान।
मोदक भोग लगे अतिप्रिय,
मूषक वाहन भी मनभाय
मस्तक मुकुट शोभे अतिसुंदर
हे चतुर्भुजधारी प्रभु महाकाय।
हे वक्रतुण्ड प्रभु हे गजानन,
हे संकट मोचन कृपानिधान
विद्या बल बुद्धि के तुम दाता,
कृपा करो हे मेरे भगवान।
पार्वती माँ के तुम सुत दुलारे,
महादेव के भी अति प्यारे
दीन-हीन निर्बल जो जग में,
तू उनके सारे काम संवारे।
रिद्धि-सिद्धि के तुम दाता,
दूर्वा आपको लगे अतिप्यारी।
पीतांबर संग साजे कुमकुम
और चढ़ाऊँ पान सुपारी॥