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गुरु के गुण बताकर प्रथम विजेता बने डॉ. कुमारी कुन्दन व हेमराज ठाकुर

इंदौर(मप्र)।

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सितंबर में ५६ वीं स्पर्धा ‘यदि आप नहीं होते, तो…’ (शिक्षक दिवस विशेष) विषय पर आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में डॉ. कुमारी कुन्दन एवं हेमराज ठाकुर ने प्रथम स्थान पाया है। द्वितीय पर क्रमशः देवन्ती देवी चंद्रवंशी तथा संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ रहे हैं।
यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में ‘दायित्व बोध होना चाहिए गुरु को’ रचना पर श्री ठाकुर (हिमाचल प्रदेश) को प्रथम स्थान दिया है। इसी में दूजा क्रम ‘यह क्या कम है’ रचना के लिए श्री वर्मा ‘दॄष्टि’ (मप्र) का रहा, तो तृतीय सुरेन्द्र सिंह राजपूत ‘हमसफ़र’ (मप्र) को ‘दिशाभ्रमित होने से रोकना होगा नई पीढ़ी को’ पर मिला है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान, १.५० करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में प्रथम विजेता बिहार से डॉ. कुन्दन (गुरु गुणों की खान) बनीं, तो दूसरे स्थान पर झारखंड से श्रीमती चंद्रवंशी (हे भाग्य बनाने वाले) को चुना गया। इसी तरह मप्र से ‘गुरुवर तुम हो चेतना’ के सृजन पर प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे ने तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया।
मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

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