श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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आजाद भारत की उड़ान…
हे शहीदों आपको सादर नमन,
आपके त्याग को सादर वन्दन।
जब से मिल गई आजादी मुझे,
मैं भ्रमण करता हूँ नील गगन।
नमन करती हूँ आजाद भारत को,
माँ भारती की बनाई इमारत को
पूजती हूँ मैं, देश के संविधान को,
झुकने नहीं दूंगी, मैं स्वाभिमान को।
शहीदों का नाम, करना है रोशन,
भारतीय मन में है पूरी लगन।
हो रही आजाद भारत की उड़ान,
संपूर्ण हो, दीजिए ऐसा वरदान।
आजाद भारत की हुई है उड़ान,
अब हम, चंद्रलोक तक जाते हैं।
आजाद देश की ‘विजय ध्वजा’,
हम चंद्रलोक में भी फहराते हैं॥
परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है