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चल चला चल राही…

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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हार कर क्यों रुक गया तू,
दुःख इतना नहीं कि तू घबराए
जीत के लिए कोशिश कर तो जरा,
आगे बढ़, चल चला चल राही…।

तू जीतेगा हौंसला रख तो जरा,
जीवन संघर्षों की कहानी है
जीत-हार के भंवर में फंसे हुए,
तू परेशानियों से लड़ तो जरा
आगे बढ़, चल चला चल राही…।

कोशिश करते हुए हम संघर्षों के दिनों में,
अपना हौंसला कमजोर नहीं होने दे
तकलीफ़ में ईश्वर की सच्ची प्रार्थना से,
सही-ग़लत का अनुभव होता है
तो कोशिश कर।
आगे बढ़, चल चला चल राही,
डर मत, चल चला चल राही…॥