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जनता के जनरल थे त्रि-सेवा प्रमुख

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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मेरी सेना के योद्धा (केंद्र- जनरल बिपिन रावत)

भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं के पेशेवर त्रि-सेवा प्रमुख और भारत सरकार के वरिष्ठतम वर्दीधारी सैन्य सलाहकार विपिन रावत एक असाधारण वीर योद्धा थे। प्रत्येक अधिकारी और सैनिक जब सैन्य सेवा में प्रवेश करता है तो शपथ लेता है कि वह ‘कानून के जरिए स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्चा विश्वास और निष्ठा रखता है’,जिसके चलते वर्दी में हम सब भाई हो जाते हैं। तब हमारी हैसियत,समुदाय,धन और पृष्ठभूमि का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। यहाँ हम एक बड़े परिवार की तरह रहते हैं,एक-दूसरे की सफलताओं का जश्न मनाते हैं और दु:ख के क्षणों को साझा भी करते रहते हैं।
जहाँ तक त्रि-सेवा प्रमुख विपिन रावत की बात है तो वे सेना के ऐसे पहले सर्वश्रेष्ठ अधिकारी थे, जिन्होंने देश के बाहरी ही नहीं बल्कि आतंरिक दुश्मनों को भी खुलकर ललकारा। उनकी देशद्रोही करतूतों को भी कठोरता के साथ कुचलने की पैरवी करते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि,विपिन रावत पाकिस्तान और चीन को सबक सिखाने के लिए युद्धक नीतियां मजबूत कर रहे थे। विपिन रावत चीन और पाकिस्तान के खिलाफ मुँहतोड़ जवाब भी दे रहे थे। कश्मीर में उन्होंने आतंकवादियों को कठोरता के साथ कुचलने की नीति अपनाई थी और सेना को पूरी छूट दे रखी थी।
उन्होंने हथियार दलालों और सेना की आपूर्ति पंक्ति में रिश्तवखोरी पर अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त कर ली थी। नरेन्द्र मोदी की सरकार में हथियार दलालों की एक नहीं चल रही थी और करोड़ों-अरबों कमाने के सपने टूट रहे थे। सेना के लिए जरूरी सामानों की आपूर्ति में चल रही रिश्वतखेारी भी रुकी थी। इसके चलते दलाल भी उनसे नाराज थे। यह नाराजी उनकी शहादत के बाद सामाजिक माध्यम पर भी कुछ देशद्रोही दिखा गए हैं,लेकिन जिस बड़ी तादाद में जनता ने इनके प्रति अंतिम यात्रा के दौरान अपना आदर प्रदर्शित किया,उससे यह तो स्वतः सिद्ध हो गया कि ये जनता के जनरल थे।

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