हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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जय शिव शम्भू महाकाल,
जय सोमनाथ, जय-जय विश्वनाथ।
आप महादानी, आप हैं कर्मयोगी,
आपकी इस परम सत्ता में
सिर्फ आपका ही नाम
हर-हर महादेव बोलें हम,
दूजा और ना कोई है काम।
आप हमारे भोलेनाथ,
रावण को सोने की लंका
राम को भक्ति का सार,
नहीं कोई आप-सा भोला-भाला।
भक्त और भगवान का रिश्ता
इतना प्यारा,
देखो भाव के भूखे भोले नाथ
एक लोटा जल से प्रसन्न होते,
हैं पार्वती पति शिव शंकर।
संसार रुपी भव सागर से,
पार निकालो हमको
आप हमारे ओंकार,
आपकी इस सत्ता में सिर्फ आपका नाम।
‘ॐ नमः शिवाय ॐ नम: शिवाय’ बोलें हम,
पार निकालो मझधार में
फँसी हमारी नाव को आप।
भव-भव से भटके हैं हम,
अब आपका ही सहारा है महाकाल।
जय शिव शम्भू महाकाल,
जय सोमनाथ, जय-जय विश्वनाथ॥