एम.एल. नत्थानी
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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स्त्रीत्व एवं पुरुषत्व का,
सह-अस्तित्व जीवन है
सुख एवं दु:ख अनुभूति,
परिणय का मधुबन है।
वैवाहिक जीवन सुखद,
स्वर्ण सुमन से दिवस है
रजत धवल-सी रात्रि में,
कुसुमलता से पावस है।
जीवन पथ पर चलकर,
दाम्पत्य सुख निखरता है
खुशहाल गृहस्थ संसार,
संतान से ही महकता है।
विश्वास एवं प्रेम, जिंदगी,
का मुख्य आधार होता है
कर्तव्य पथ पर चलकर,
दुर्गम मूलाधार होता है।
स्नेह सुधा से सरोबार हो,
ये आत्मीय बंधन होता है।
स्नेहिल जीवन साथी से,
ही परस्पर चंदन होता है॥