कुल पृष्ठ दर्शन : 186

You are currently viewing झुमका सोहे कान

झुमका सोहे कान

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
**************************************

नारी का श्रृंगार ये,झुमका सोहे कान।
सुन्दर मुख हर पल हँसी,होंठों पर मुस्कान॥
होंठों पर मुस्कान,लिए झुमका चमकाती।
पायल की झंकार,सुरीली मन को भाती॥
कहे ‘विनायक राज’,स्वर्ण चाँदी अति प्यारी।
झुमका दोनों कान,पहनती सुन्दर नारी॥

Leave a Reply