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झूठी थाली झूठ परोसे

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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ट्वीट-ट्वीट खेलें हम आओ,
भोली जनता को बहकाओ।

अफरा-तफरी हम फैलाएँ,
आओ मिल हम आग लगाएँ।

जला उधर, मैं इधर जलाऊँ,
फायर ब्रिगेड को भटकाऊँ।

रोटी उसमें अपन पकाएँ,
राजनीति का घी लगाएँ।

स्वाद भरी होती यह रोटी,
वोट मिले जिससे है मोटी।

देश फूँक हम करें तमाशा,
लात कहीं दें, कहीं बताशा।

उसकी ट्वीट न इसको भाए,
इसकी ट्वीट पर वो बौराए।

किसी बात पर नहीं भरोसे,
झूठी थाली झूठ परोसे।

सियासत की चादर बिछाओ,
ट्वीट-ट्वीट खेलें हम, आओ।

जाओ-जाओ, कोई जाओ,
इस ट्विटर को बन्द कराओ॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।