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तरंग गोष्ठी में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

जमशेदपुर (झारखंड)।

हिन्दी साहित्य भारती झारखंड इकाई और केन्द्रीय कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण तरंग गोष्ठी आयोजित की गई। संस्था के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शुक्ल, केन्द्रीय उपाध्यक्ष आचार्य देवेंद्र देव की उपस्थिति में सदस्यों के परिचय के साथ अनेक महत्वपूर्ण सांगठनिक योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
महामन्त्री राजीव शर्मा, झारखंड इकाई अध्यक्ष डॉ. अरुण सज्जन, मीडिया प्रभारी पद्मा मिश्रा एवं कोषाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी कर्ण भी इसमें शामिल हुई। इनके अतिरिक्त जिला इकाइयों के अध्यक्ष अनुज कुमार पाठक, श्रीमती स्नेह लता श्रीवास्तव आदि भी उपस्थित हुए। मीडिया प्रभारी पद्मा मिश्रा ने बताया कि, सरस्वती वंदना रामप्रवेश पंडित तथा ध्येय गीत इकाई की उपाध्यक्ष डॉ. संगीता नाथ ने प्रस्तुत किया। अध्यक्ष डॉ. रविंद्र शुक्ल ने सदस्यों से अपने विश्व हिंदी सम्मेलन के संस्मरण एवं अनुभवों को साझा करते हुए संस्था के विस्तार एवं संवर्धन हेतु मार्गदर्शन दिया। आचार्य देव ने झारखंड कार्यकारिणी के विस्तार, कार्यशैली तथा उद्देश्यों पर सकारात्मक चर्चा की। महामंत्री ने हिदी साहित्य भारती के निहित उद्देश्य को काव्य पंक्तियों के माध्यम से परिभाषित किया। डॉ. सज्जन तथा महामंत्री राकेश कुमार ने इकाई द्वारा किए जाने वाले आयोजनों तथा पुस्तक लोकार्पण, तरंग गोष्ठी की सूचनात्मक जानकारी दी। वरिष्ठ विद्वान प्रो. सुभाष चंद्र मिश्र ने साहित्य, संस्कति और सृजन की चर्चा की। सदस्यों का परिचय श्रीमती लता ने करवाया।
यह एक परिचयात्मक संगोष्ठी थी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए-सभी जिला कार्यकारिणी का गठन दिसंबर माह तक समय सीमा में करना, ‘राष्ट्र वंदन-अतीत का अभिनंदन..राष्ट्र वंदन-वर्तमान का अभिनंदन..कवि अभिनंदन’ के आयोजनों को क्रमबद्धता प्रदान करना, वरिष्ठ साहित्यकारों की सूची बनाकर अभिनंदन करना और माह में १ बार तरंग गोष्ठी क्रियान्वित करना आदि रहे। धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।

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