बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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तारीफ सुनने की,
आदत न डालिए
मीठा जहर है ये,
जीवन से निकालिए।
तारीफ तो हमेशा,
पीठ पीछे हो तो भली
सामने तारीफ की,
आदत न डालिए।
मगर सुनिए!
कुछ-कोई अच्छा लगे अगर
दिल से तारीफ कीजिए।
उस तारीफ में कभी,
मसाले न डालिए॥