कुल पृष्ठ दर्शन : 205

You are currently viewing तुमको कोटि प्रणाम

तुमको कोटि प्रणाम

बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
******************************************

भक्ति, शक्ति और दिखावा…

हे शक्ति! हे महिषासुर मर्दिनी!
तुमको कोटि प्रणाम
आयी हूँ दर पर तेरे,
छोड़ के सारा जहान।

मन मेरा पावन है
जैसे गंगा की धार,
चरणों में तुम्हारे अर्पित हृदय पुष्प
और सोलह श्रृंगार।

माँ! भक्ति को मेरी,
दुनिया न समझेगी
तुम तो करो उद्धार,
छल-कपट को छोड़ के मैया
आई तेरे द्वार।

हे जगत जननी! हे जगदम्बा!
मायका जबसे छोड़ा है
अनगिनत लोगों ने मैया,
हृदय मेरा तोड़ा है,
पावन मन को दु:ख है देता
तेरा ये संसार।
बस इसलिए तज दिया,
करना दूजों पे उपकार॥