कुल पृष्ठ दर्शन : 229

You are currently viewing दण्ड

दण्ड

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
**********************************

समाज में शान्ति व उन्नत व्यवस्था को,
बनाए रखने का व्यवहार है
यह अपराधों को रोकने का,
एक उन्नत प्रकार है
न्याय के सिद्धांत का,
अपूर्व व बेहतरीन उपहार है
अवरोध पैदा करने वाले लोगों को
इससे मिलती फटकार है।

यह भय की एक नीति है,
सही आचरण रखने की
इससे बढ़ती सात्विक प्रवृत्ति है,
यह भय के अन्धकार को
सबसे पहले खड़ा करता है,
दुष्ट विचार रखने वाले लोगों को
इससे फटकार मिलती है।

यह अपराधों पर अंकुश लगाने का,
सही और सटीक रास्ता है
इसमें सन्निहित उद्गार और आभार,
सब बदमाशों को रास्ते पर लाने में,
भरपूर मदद करता है।

यह व्यवस्था कुकृत्यों को,
सदैव उजागर करने में
बड़ी मददगार साबित होती है,
निठल्ले और दुष्टता के विचार से
सना रहने वाले लोगों को,
मजबूती से कमजोर करते हुए
उत्तम विचार व्यवहार की,
शिक्षा देने वाली एक संस्कृति को
जन्म देकर सुखद अनुभूति,
सबको आसानी से मिलती है।

आओ हम-सब मिलकर यहां,
गतिशील तरीके से,
समाज को आगे बढ़ाएं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता को,
मजबूती प्रदान करने में
सदैव लगातार आगे बढ़ते जाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply