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देश हमारा है महान

सच्चिदानंद किरण
भागलपुर (बिहार)
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विश्व-गुरु के गुरूत्व से,
शौर्यमान है देश हमारा उज्वल
भविष्य में भाग्य-विधाता के,
अनुरक्षण की समर सृष्टि-दृष्टि में
महान, विश्व शीर्ष शिखर
पर कृतेज्ञ हो रहा,
‘युवा-वर्ग’ के कौशल
यशकृति के यशोल्भ में।
‘देश’ हमारा है महान…

भारत-भूमि हमारी हरी-भरी,
हरियाली से प्रकृति के पर्यावरण के
सौन्दर्य रूप को वीरता सामर्थ्य,
निखार रही विश्व के शीर्षस्थ
आश्चर्यता में अनवरत हो,
सर्व धर्मज्ञानज्ञ, सर्वभाषी पंडितज्ञ
में आदर्श सत्कारीय भाव-भंगिमा,
सूर्य के समान आलोकित
हो, सच में हम हैं भारतीय।
‘देश’ हमारा है महान…

‘युवा-वर्ग’ की कर्मठ कार्य-कर्तव्यनिष्ठा से,
विज्ञान की जगत में वर्चस्वता
प्रचण्ड परचम लहरा रहा,
रसायनज्ञ, भौतिकी, गणितज्ञ
अभियंतज्ञ के स्वरूप से,
इलेक्ट्रोनिक, कम्प्यूटर के
अंतरजाल की उच्चतम प्रभावी,
तकनीज्ञ अंतरीक-बाह्य परिप्रेक्ष्य में
समृद्ध वैभव शीलता की ओर।
‘देश’ हमारा है महान…

सूक्ष्म अंतर्वेदन से प्रगतिशील,
हो प्रवर तीक्ष्ण बुद्धिमता से
संस्कृति, सभ्यता व संस्कार से जीवंत,
‘युवा-वर्ग’ सौम्य कार्यदक्षता में
अग्रेषित हो दिनों-दिन गुण-ग्राह्य हो,
अपनी कार्यक्षमता की सहभागिता
को संभाले हुए विश्व प्रेरणा में,
सफल सशक्त का प्राक्रमी‌ बन।
‘देश’ हमारा है महान…

देश की राजनिति में समाजिक तत्व,
का चढ़ाव-उतराव है
आर्थिक समानता के विश्लेषण से देश,
एकता-अखंडता में कमर-कस
आगे बढ़ रहे हैं
कुछेक युवा-वर्ग की खामियाँ,
देखने को मिलती है!
बुजुर्गों की ओर उनकी परिवेशता में।
फिर भी कर्म-धर्म का श्रेष्ठतम परचम॥
‘देश’ हमारा है महान…

परिचय- सच्चिदानंद साह का साहित्यिक नाम ‘सच्चिदानंद किरण’ है। जन्म ६ फरवरी १९५९ को ग्राम-पैन (भागलपुर) में हुआ है। बिहार वासी श्री साह ने इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की है। आपके साहित्यिक खाते में प्रकाशित पुस्तकों में ‘पंछी आकाश के’, ‘रवि की छवि’ व ‘चंद्रमुखी’ (कविता संग्रह) है। सम्मान में रेलवे मालदा मंडल से राजभाषा से २ सम्मान, विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ (२०१८) से ‘कवि शिरोमणि’, २०१९ में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ प्रादेशिक शाखा मुंबई से ‘साहित्य रत्न’, २०२० में अंतर्राष्ट्रीय तथागत सृजन सम्मान सहित हिंदी भाषा साहित्य परिषद खगड़िया कैलाश झा किंकर स्मृति सम्मान, तुलसी साहित्य अकादमी (भोपाल) से तुलसी सम्मान, २०२१ में गोरक्ष शक्तिधाम सेवार्थ फाउंडेशन (उज्जैन) से ‘काव्य भूषण’ आदि सम्मान मिले हैं। उपलब्धि देखें तो चित्रकारी करते हैं। आप विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य होने के साथ ही तुलसी साहित्य अकादमी के जिलाध्यक्ष एवं कई साहित्यिक मंच से सक्रियता से जुड़े हुए हैं।

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